🔳खैरना से हल्द्वानी पहुंचने में तय करना पड़ रहा चार घंटे का सफर
🔳भवाली से खैरना तक जगह जगह घंटों थम रहे वाहनों के चक्के
🔳एंबुलेंस में जा रहे मरीजों की जान भी फंस रही सांसत में
🔳चार स्थानों पर बदहाल हाइवे बन चुका जाम का बड़ा कारण
((( टीम तीखी नजर की रिपोर्ट)))

कुमाऊं की महत्वपूर्ण लाइफ लाइन अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर सफर मुसीबत का सबब बन चुका है। भवाली से खैरना क्षेत्र तक चार स्थानों पर वन वे आवाजाही होने से घंटों तक वाहनों के पहिए थम जा रहे हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं की अब खैरना से हल्द्वानी तक महज 60 किमी का सफर चार घंटे से भी अधिक समय में पूरा हो रहा है। एंबुलेंस वाहनों के जाम में फंसने से मरीजों की जान भी खतरे में पड़ जा रही है।
अल्मोड़ा हल्द्वानी हाइवे पर रोजाना हजारों छोटे बड़े वाहन आवाजाही करते हैं। बड़े वाहनों से रशद सामग्री तराई से कुमाऊं के पर्वतीय जनपदों को भेजी जाती है। रानीखेत स्थित कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर को भी सेना के वाहन इसी मार्ग से आवाजाही करते हैं। सैकड़ों यात्री भी इसी हाइवे से तराई से पहाड़ व पहाड़ से तराई को आवाजाही करते हैं। महत्वपूर्ण हाइवे अब जाम का हाइवे बन चुका है। जिस कारण लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खैरना से अमूमन डेढ़ घंटे का सफर अब चार घंटे से भी अधिक समय में बामुश्किल पूरा हो रहा है। खैरना से भवाली तक रातीघाट, तल्ला कैंची, दोपांखी व रामगाढ़ क्षेत्र में जाम से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। लगातार हालात बिगड़ने व आवाजाही करने वाले लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है बावजूद एनएच विभाग हाइवे पर व्यवस्था के सुधार को ठोस कदम नहीं उठा रहा। व्यापारी नेता मनीष तिवारी, महेंद्र सिंह, पंकज नेगी, देवेश कांडपाल, मनोज नैनवाल, राकेश जलाल आदि ने हाइवे को तत्काल दुरुस्त किए जाने की मांग उठाई है।

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